कश्यप सन्देश

kashyap-sandesh
27 July 2024

ट्रेंडिंग

निषाद: इतिहास, संस्कृति और ध्वनि के बारे में कहानी:मनोज कुमार मछवारा की कलम से
फूलन देवी का शहादत दिवस एवं जीतन साहनी का  शोक सभा का आयोजन
बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाई गई महर्षि कालू बाबा की जयंती

मिर्जापुर सीट पर कांटे की टक्कर बिंद व् निषदों का वोट सपा की तरफ सरक गया

मिर्जापुर लोकसभा सीट भाजपा लोकसभा 2024 में एलाइंस् पार्टी के कार्यकर्ताओं तवज्जो नही दे रही

मिर्जापुर, कश्यप सन्देश 27 मई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर लोकसभा सीट पर मुकाबला रोचक होता जा रहा है, यहां एनडीए प्रत्याशी के रूप में अपनादल सुप्रीमो अनुप्रिया पटेल मैदान में हैं तो इंडी गठबंधन से सपा के रमेश बिंद उन्हें चुनौती दे रहे हैं। बसपा उम्मीदवार मनीष तिवारी चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लगे हैं।

असल में पूर्वांचल की अन्य सीटों से मिर्जापुर सीट भी अलग नहीं है, जातीय फैक्टर यहां भी हावी है। जीत हार के नतीजे इसी आधार पर लगाएं जा रहे हैं। कहने को

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहित अन्य मुद्दों की चर्चा चट्टी चौराहे पर हो रही है लेकिन अंतिम बात किस बिरादरी का कितना वोट है जोड़ घटाना शुरू हो जाता है। राजनीतिक दल भी इसी जोड़ पर टिकट भी दिया है। बिंद एवं कुर्मी बहुल इस सीट पर खुद दोनों मैदान में हैं

तो सपा भी जिले बिंद और बिंद के बाद
पिछड़े वर्ग की सबसे बड़ी जाति बिंद को ही मैदान में उतार कर लड़ाई को बराबर का बना दिया है। अनुप्रिया केन्द्रीय मंत्री वह भी उद्योग मंत्री एवं वाणिज्य विभाग उनके पास रहा है। स्थानीय लोग विशेष आशा लगाए रहे। हालांकि उनके कार्यकाल में विकास कार्य बहुत हुए हैं। वह उन्हें बहुत सहारा दे रहा है। विकास कार्य गिना भी रही है,इसके बावजूद गठबंधन के सपा से रमेश बिंद की तरफ बिंद जाति सहित बैकवर्ड वोट भारी संख्या सरक रहा है इससे अनुप्रिया पटेल की मस्किलें बढ़ती जा रही हैं

दूसरी ओर भाजपा के भदोही सीट से मौजूदा सांसद रमेश बिंद अब मिर्जापुर सीट से सपा उम्मीदवार हैं। वे तीन बार यहां बसपा से विधायक रहे हैं। अपनी बिरादरी में अच्छी पैठ भी रखते हैं।
बसपा ने ब्राह्मण मनीष तिवारी को टिकट दिया है। यहां बसपा ब्राह्मण दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के गठजोड़ को ध्यान में रखा है। पर यहां सीधी लड़ाई अपनादल और सपा के बीच दिख रही है। बसपा उम्मीदवार को लोग नोटिस में नहीं ले रहे हैं वहीं भाजपा गठबंधन पार्टीके कार्यकर्ताओं को तवज्जोनहीं दे रही इसका खामियांजा उनके बैकवर्ड प्रत्याशियों को भुगतना पड़ रहा है पूरे प्रदेश में गठबंधन है परंतु अभी तक के चुनाव में देखने को यही मिला है की एन डी ए के साथ जो भी पार्टियां जुड़ी है उनके कार्यकर्तायों को भाजपा के केंद्रीय कार्यालय पर तवज्जो नहीं मिल चाहे वह अपना दल हो, निषाद पार्टी हो सु भा स पा के लोग क्यो न हों।

यहां कुल 18,97,805 मतदाता हैं। जिनमें एक अनुमान के मुताबिक दलित 3,85,000 बिंद कुर्मी 03 तीन लाख 40हजार, ब्रमहण् एक लाख पचास हजार, यादव, एक लाख पैंतीस हजार, मुस्लिम, 1 लाख 40 हजार शेष अन्य पिछड़ा वर्ग को माना जाता है। सपा का बेस वोट यादव और मुस्लिम यहां भारी संख्या में नहीं है, बिंद मुश्लिम यादव के साथ यहाँ अपना समीकरण बैठ रही हैपर । दूसरी तरफ भाजपा के बेस वोट के साथ कुर्मी वोट जातीय समीकरण में आगे कर दे रहा। यहां लगभग एक लाख वैश्य एवं छत्रिय वोट मोदी के लाभार्थियों का वोट जो दलित ज्यादा है अपनादल के पक्ष में है। राजा भैया प्रकरण से यहां सपा को विशेष लाभ नहीं मिल रहा है। बल्कि यह अनुप्रिया के पक्ष में कुर्मी मतदाताओं को लामबंद ही करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा से सुस्त पड़े भाजपाइयों में जोश भर गए है। वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश की सभा होनी है। कुल मिलाकर यहां अपनादल और सपा में ही टक्कर है। एक जून को जिस पक्ष के मतदाता घर से निकलेंगे बाजी उसी के हाथ
में होगी। 4 जून को दिल्ली वही पहुँचेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top