निषाद कुमार: विजय की एक नई गाथा: मुकेश कश्यप की कलम से
उड़ान थी आसमान की, पर पंख नहीं थे साथ,फिर भी बढ़ा वो निडर, नहीं मानी कभी मात।सपनों को जो बुनते हैं, उनका हौसला होता अडिग,निषाद कुमार ने दिखाया, कैसे होता है दिल से बड़ा जग। हर कदम पे कांटे थे, पर राहों से नहीं डिगा,चुनौतियों को मात दी, और ऊँचाइयों तक जा टिका।पैरालिंपिक्स की पवित्र […]
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