
पटना पुनाईचक स्थित बिहार निषाद संघ के प्रदेश कार्यालय में संघ के प्रदेश सचिव मंडल की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने घोषणा की कि आगामी 14 जून 2025 को दोपहर 12 बजे से पटना के रविन्द्र भवन, बिरचंद पटेल पथ पर राज्य स्तरीय निषाद जागरूकता महासम्मेलन का भव्य आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह महासम्मेलन राज्यभर के सभी जनपदों से हजारों की संख्या में निषाद समाज के लोगों की भागीदारी के साथ आयोजित किया जाएगा। प्रदेशभर से इस कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह और समर्थन प्राप्त हो रहा है। इस महासम्मेलन का उद्देश्य निषाद समाज को उनकी आबादी के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी दिलाना और समाज की आठ सूत्रीय मांगों को सरकार के समक्ष मजबूती से प्रस्तुत करना है।
बैठक में संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर सहनी और कार्यकारी प्रधान महासचिव धीरेन्द्र निषाद ने आठ प्रमुख मांगों को विस्तार से बताया:
- परंपरागत मछुआ जातियों की सूची का शीघ्र प्रकाशन।
- न्यायालय निबंधित मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को पुनः सक्रिय करना।
- जलकरों को अतिक्रमण से मुक्त करना।
- “जल जीवन हरियाली” योजना के तहत विकसित जलाशयों का रखरखाव पारंपरिक मछुआ समुदायों से कराना।
- बालू खनन में निषाद समुदाय के लिए कोटा निर्धारित करना।
- दियारा क्षेत्रों की गैरमजरूआ भूमि की बंदोबस्ती भूमिहीन निषादों को देना।
- प्रत्येक जिले में निषाद गोताखोरों की नियमित नियुक्ति।
- सभी उपजातियों को एकीकृत कर “निषाद/मल्लाह” शीर्षक में अधिसूचित करना।
महासचिव मनोज कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा देवी, सुरेश प्रसाद सहनी सहित अन्य नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लेती है तो बिहारभर में धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
बैठक में जयराज निषाद, पप्पू कुमार सहनी, विनोद सहनी, संजय सहनी, अखिलेश चौधरी, अरुण कुमार चौधरी, अरुण महतो समेत अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को निषाद समाज के हक और अधिकार की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है।