
पटना। बिहार निषाद संघ पटना महानगर के उपाध्यक्ष ए. के. चौधरी (भारत पुत्र) ने 14 जून को रविंद्र भवन हॉल में आयोजित निषाद महासम्मेलन में समय की कमी के कारण अपनी बात न रख पाने के कारण, अपने समाज के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं को YouTube के माध्यम से साझा किया।
अपने संदेश में उन्होंने पहली बात यह कही कि जिन निषाद भाइयों को आठ सूत्रीय मांगों वाला पीले रंग का पर्चा प्राप्त हुआ है, वे उसे अपने घर के दरवाजे पर चिपका लें। यदि कोई प्रत्याशी वोट मांगने आता है, तो उससे कहें कि पहले वह इन मांगों को पढ़े और समर्थन करने की स्थिति में मंच से शपथ लेकर इन्हें पूरा करने का वादा करे। केवल वही दल वोट के योग्य होगा जो समाज के मुद्दों को गंभीरता से लेगा।
दूसरी बात उन्होंने समाज में बढ़ते आपसी विवादों पर चिंता व्यक्त करते हुए की। उन्होंने सुझाव दिया कि निषाद समाज को अपने विवादों का समाधान कोर्ट-कचहरी के बजाय जिला स्तरीय निषाद पंचायती व्यवस्था के माध्यम से करना चाहिए, जिसमें पंच, सरपंच तय हों और बिहार निषाद संघ की निगरानी में निष्पक्ष न्याय हो।
तीसरी व अहम बात बेरोजगारी को लेकर थी। उन्होंने कहा कि निषाद समाज के युवाओं को पंडित, पुरोहित, कथा वाचक बनाकर रोजगार से जोड़ा जाए। वृंदावन में स्वामी ब्रजमोहन जी के आश्रम में पूजा-पाठ की निःशुल्क शिक्षा मिलती है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इस पर अगली संघ बैठक में गहन चर्चा की जाए।
ए. के. चौधरी का यह संदेश निषाद समाज में आत्मनिर्भरता, एकता और आत्मसम्मान को मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल मानी जा रही है।