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20 June 2025

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निषाद जागरूकता महासम्मेलन में उठी (8)आठ सूत्री मांगों पर त्वरित निर्णय की मांग

पटना, AK चौधरी बिहार प्रमुख 14 जून 2025 | बिरचंद पटेल पथ, रविन्द्र भवन

बिहार निषाद संघ के तत्वावधान में आज पटना स्थित रविन्द्र भवन में राज्य स्तरीय निषाद जागरूकता महासम्मेलन का आयोजन भव्य रूप से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने की। महासम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आबादी के अनुपात में निषाद समुदाय को राजनीतिक भागीदारी दिलाना तथा समुदाय की आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना रहा।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष लालबहादुर बिंद ने कहा कि बंगाल और दिल्ली में मल्लाह जाति अनुसूचित जाति का लाभ उठा रही है, ऐसे में बिहार के निषाद/मल्लाह इससे वंचित क्यों रहें? उन्होंने बताया कि संघ द्वारा न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा गया है।

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर सहनी, डॉ. सतीश कुमार विंद, रामजी चौधरी ने निषाद समाज से आह्वान किया कि वे अपने आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दें।

मुख्य आठ सूत्री मांगें इस प्रकार रहीं:

  1. परंपरागत मछुआ जातियों की प्रमाणिक सूची शीघ्र प्रकाशित की जाए
  2. प्रत्येक जिले में प्रति वर्ष 1000 मछुआ आवासों का निर्माण कराया जाए।
  3. जलकरों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए और हर जगह मछली बाजार (फिश मार्केट) स्थापित किए जाएं।
  4. नवसृजित जलाशयों में मत्स्य पालन जीविका दीदी समूहों से नहीं बल्कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से कराया जाए।
  5. निषाद की सभी उपजातियों को एकीकृत कर ‘निषाद/मल्लाह’ शीर्षक से शीघ्र अधिसूचित किया जाए।
  6. गोताखोर निषादों को नियमित नियुक्ति दी जाए।
  7. नदियों के किनारे की खेती योग्य गैरमजरूआ भूमि की बंदोबस्ती भूमिहीन निषादों को की जाए।
  8. बालू खनन की बंदोबस्ती में निषाद समुदाय के लिए विशेष कोटा निर्धारित किया जाए।
    धीरेन्द्र निषाद, रामादेवी, कृष्णा देवी सहित कई वक्ताओं ने मुख्यमंत्री से इन मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की।
    कार्यक्रम में लाल बाबू सहनी, केशनाथ चौधरी, धनंजय कुमार, दिलीप निषाद ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर त्वरित निर्णय नहीं हुआ तो राज्यभर में धरना-प्रदर्शन की श्रृंखला शुरू की जाएगी।

महेंद्र भारती, प्रो. मिथिलेश कुमार, बाकेलाल निषाद ने कहा कि जब तक निषाद समाज के लोग सरकारी पदों पर नहीं पहुंचेंगे, तब तक न्याय नहीं मिलेगा। वहीं रामाशीष केवट, रामचंद्र प्रसाद सिंह, शैलेन्द्र सहनी ने एनडीए और महागठबंधन दोनों से आबादी के अनुपात में निषादों को राजनीतिक भागीदारी देने की अपील की।

अंत में संतोष चौधरी, सरवन कुमार, कुसुम देवी, विजयमल चौधरी ने घोषणा की कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो निषाद बहुल सभी विधानसभा क्षेत्रों में निषाद उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे।

कार्यक्रम में जयराज निषाद, पप्पू निषाद ने उच्च शिक्षा पर बल दिया, जबकि जीबोधन निषाद, गंगा चौधरी, संजय सहनी, अखिलेश चौधरी, अर्जुन निषाद सहित सैकड़ों की संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।

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