कश्यप सन्देश

3 October 2024

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सुरेंद्र निषाद का शव रामपुर कटरी इलाके में मिलने से गांव में गम का माहौल

कमर में ईंटें बांध जाल में लपेटकर गंगा में फेंका

कानपुर गंगा बैराज इलाके में एक युवक को मौत के घाट उतारने के गंगा बैराज में फेंक दिया शुक्रवार को उसका शव बैराज के पास रामपुर कटरी में मिला। उसके हाथ-पैर बंधे थे। कमर में ईंट बाधकर जाल में लपेटकर फेका गया था। हत्या की धारा में मामला दर्ज कर लिया गया है। युवक दो मई से लापता था।

कानपुर नगर बैराज कटरी स्थित शिवदीनपुरवा गांव निवासी 25 वर्षीय सुरेंद्र निषाद किसानी व मजदूरी करता था।पिता लोकनाथ की काफी समय पूर्व मृत्यु हो चुक है। भाई सुजीत ने बताया कि दो मई को सुरेंद्र खेतों सब्जी लौकी लाने की बात कहकर घर से निकला था।

तीन मई को नवावगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। शुक्रवार को गंगा में शव मिलने की सूचना पर परिजन पहुंचे तो उन्होंने कपड़ों से सुरेंद्र की शिनाख्त की। हाथ पैर रस्सी से बांधे थे। कमर में ईंट बंधी थीं। शव क्षत-विक्षत हालत में था। सुजीत में बताया की पाच महीने पहले लक्ष्मणपुरवा गांव के श्रीकृष्ण से सुरेंद्र का विवाद हुआ था। दोनों में हाथा बाही भी हुई थी। बीच-बचाव के दौरान श्रीकृष्ण के साथ मौजूद सत्रपाल का हाथ भी टूट गया था।
बैराज के पास कटरी में सुरेंद्र निषाद का शव मिलने के बाद गाँव में हड़कम्प मच गया परिजन बदहवास हो गए।

परिजनों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। परिजनों व गांव के लोगों से पूछताछ की जा रही है। जल्द घटना का खुलासा होगा।

सब्जी का इंतजाम करने निकला और हो गया लापता

सुजीत ने बताया कि विगत दो मई को लौकी लेने खेतों की ओर जा रहा था तो उसे तास्ते में उसका मित्र जितेंद्र मिल गया। सुरेंद्र ने जितेंद्र से कहा कि लौकी बाधकर उसकी बाइक पर लाने में मदद कर दें। इसपर जितेन्द्र भी उसके साथ चला गया। इसके बाद से सुरेंद्र का पता नहीं चला। वहीं परिजनों ने बताया कि जब जितेंद्र से पूछताछ की गई तो उसने कहा कि जब यह लोग खेत पर पहुंचे तो उसके एक अन्य मित्र कन्हई का फोन आ गया। उसने कहा कि दावत है रोटी बना ली है सब्जी का इतजाम नहीं हो पाया है। इसपर जितेन्द्र ने कन्हई से कहा कि वह सुरेन्द्र को भेज रहा है। सब्जी का इतजाम कर वह उसके पास पहुँच जाएगा। इसके बाद सुरेन्द्र चला गया।

नवाबगंज थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई। सुरेंद्र के परिवार में मां लक्ष्मी के अलावा भाई सुजीत निषाद नरेन्द्र सनी और रवि निषाद है।

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