कश्यप सन्देश

20 January 2025

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रक्षाबंधन: भाई-बहन का कर्तव्य और समाज पर प्रभाव: “मनोज कुमार मछवारा की कलम से

रक्षाबंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो भाई-बहन के बीच के प्रेम और कर्तव्य को दर्शाता है। इस दिन, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों की सुरक्षा और उनकी खुशहाली का वचन देते हैं।

भाई-बहन के इस रिश्ते में कर्तव्य और प्रेम का समर्पण निहित है। भाई का कर्तव्य है कि वह अपनी बहन की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करे, चाहे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो। दूसरी ओर, बहन अपने भाई के लिए प्रेम और दुआओं की छांव बनकर खड़ी रहती है। यह रिश्ता, केवल खून का नहीं, बल्कि एक आदर्श समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

समाज में रक्षाबंधन का प्रभाव व्यापक है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के रिश्तों को मजबूत करने के साथ-साथ समाज में आपसी प्रेम और एकता की भावना को भी बढ़ाता है। रक्षाबंधन के दौरान, विभिन्न जातियों और समुदायों के लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं, जो सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करता है।

समाज में यह त्योहार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को भी केंद्र में लाता है, जो एक स्वस्थ और समृद्ध समाज के लिए अनिवार्य है। इस प्रकार, रक्षाबंधन न केवल एक पारिवारिक त्योहार है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और उसे मजबूत बनाने का भी एक माध्यम है।

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