कानपुर महानगर में गंगा नदी पर रिवर फ्रंट के निर्माण के संदर्भ में सांसद रमेश अवस्थी ने जल शक्ति मंत्री भारत सरकार श्री सीआर पाटील से नई दिल्ली में मुलाकात की। उन्होंने इस परियोजना की आवश्यकता और संभावनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की तथा एक आधिकारिक पत्र भी सौंपा।
सांसद रमेश अवस्थी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि कानपुर उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है, जिसकी आबादी लगभग 50 लाख है। गंगा नदी इस शहर के जीवन का एक अभिन्न अंग है। जल आपूर्ति के साथ-साथ, यह सांस्कृतिक और मनोरंजन की संभावनाओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रिवर फ्रंट निर्माण की आवश्यकता पर जोर:
सांसद अवस्थी ने कहा कि गंगा नदी में औद्योगिक और सीवेज कचरे के बहाव के कारण स्वास्थ्य और पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए गंगा रिवर फ्रंट का निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि अटल घाट से सरसैया घाट तक रिवर फ्रंट को विकसित किया जाना चाहिए।
मुख्य बिंदु
कटाव नियंत्रण: गंगा नदी के कटाव को रोकने के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण होगी, जिससे जल स्तर स्थिर रहेगा और बाढ़ प्रबंधन में सुधार होगा।
औद्योगिक कचरा प्रबंधन: औद्योगिक इकाइयों के कचरे का मानकों के अनुसार उपचार और उचित निपटान किया जाएगा।
पर्यटन और आर्थिक विकास: परियोजना से जल क्रीड़ा, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कानपुर के आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
बायोडायवर्सिटी संरक्षण,गंगा की जैव विविधता को संरक्षित करने में भी यह परियोजना मददगार साबित होगी।
नालों का गंगा में गिरना बंद किया जाए
श्री अवस्थी ने कहा कि 1200 करोड़ की नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत रामेश्वर घाट,रानी घाट,गोला घाट,सत्ती चौरा,मस्कर घाट तथा डबका नाला बंद किया जाए जिससे कानपुर वासियों को राहत मिल सके ।
जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील ने आश्वासन दिया कि भारत सरकार की एक टीम को जल्द से जल्द कानपुर भेजा जाएगा और परियोजना को लेकर सार्थक कदम उठाए जाएंगे।
सांसद कार्यालय