


लखनऊ। मल्हौर कश्यप संदेश कार्यालय आज समाज के बीच से,वो लोग शामिल हुए है जो मूलवासी अति पिछड़ा समाज की एकता हित चिन्तन के लिए,जिनका लम्बा अनुभव और संघर्ष रहा है। मूलवासी कश्यप निषाद गोंड जन उत्थान समिति रजिस्टर्ड एवं अति पिछड़ा समाज महा सभा उप्र के संयुक्त तत्वाधान द्वारा अति पिछड़े समाज के नायक डाक्टर छेदी लाल साथी की 104 वी जयंती पर पुष्पाजलि सभा के आयोजन के प्रति,समूचे समाज ने आभार प्रकट किया। और सदियो सदियों से मूल समाज के लिए अपना जीवन ,तन ,मन धन सब देने वाले,सभी नेताओं को, जो आज हमारे बीच नहीं हैं,मन की गहराई से याद किया गया। और संयुक्त रूप से सभी लोगों से आह्वान किया गया कि- अपने पूर्वजों के मान सम्मान को सदा बनायें रखें।मगर अब एक बात सबको ध्यान देना है कि मूल समाज प्राथमिकता में, पहले अति पिछड़ा समाज और उसके मूल पक्ष को एक करेगा। यह जरूरी है गोंड, धुरिया, कहार ,धीवर,बाथम, रैकवार,खरवार, मझवार,तुरहा,निषाद, केवट,भोई, आदि समाज में भले जाति प्रमाण पत्र के वैज्ञानिक भेद हो,मगर,मूल समाज में कोई भेद नहीं होगा। सबके हक के लिए मिल जुल कर लड़ेंगे।यह बात सभी की सोच में उभर कर आई। और इसको एक बार फिर से मजबूती देने के लिए,एक सम्मेलन किये जाने का प्रस्ताव है।। इस समय मूल समाज में जाति प्रमाण पत्र नहीं,हमारी संयुक्त एकता प्रमुख मुद्दा है। और स्वयं के बूते और संघर्ष से,हम आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक सभी मुद्दे को हासिल करने का संघर्ष करेंगे।डॉ.छेदीलाल साथी के जन्मशती जयंती समारोह एवं साजिक एकता संगोष्ठी के अवसर पर हम आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करते हुए ये कहना चाहता हु कि साथी जी अपने जीवन काल में दलित एवं पिछड़ी जातियों के उत्थान हेतु बहुत सजग थे।
जैसा कि हम सब जानते है कि हमारे आदर्श समाज सेवी स्वर्गीय श्री छेदी लाल साथी जी की 104 वीं जयंती को कश्यप निषाद गोंड समाज के गौरव दिवस के रूप मे मना रहे है।साथी जी के व्यक्तित्व में स्मरण शक्ति,प्रखरता,बुद्धिमता,ईमानदारी के प्रचंड भाव थे ।आपने गरीब,दलितों,दबे कुचले,मजदूरों एवं पिछड़ों के हक को आवाज को बुलंद किया ।आज उनकी 104वी जयंती पर श्रद्धा सुमन उनके बताए गए रास्ते को अपनाकर दे सकते है ।मेआपसीक बात कहना चाहता हु कि अपने समाज को संगठित करना बहुत आवश्यक है ,जैसे मिश्र,तिवारी दुबे ,शुक्ला आदि एक बयान समाज ,अहीर,ग्वाला घोसी एक होकर्यादव और कुशवाहा,कटियार,,पटेल आदि एक होकर कुर्मी समाज हो सकता है तो क्या हम गोंड , कश्यप ,निषाद, कहार एक नहीं हो सकते क्योंकि हमे बाटा गया है या हम स्वयं बट गए है।कई उपजातियों में बटे इस समाज को एक प्लेटफॉर्म पर लाना हमारा इस संस्था मूलवासी कश्यप निषाद गोंड जन उत्थान समिति का प्रमुख उद्देश्य है।समाज में कुछ जागृति और स्वाभिमान पैदा हुआ है ।इस सोच के साथ अपने प्रेरणा श्रोत डॉ.छेदीलाल साथी जी की विचार धारा के अनुकूल वातावरण बनाने और समाज को आगे चलाने का प्रयास करना इस गौरव दिवस का मूल उद्देश्य है। साथी जी ने तमाम राजनैतिक, सामाजिक,साहित्यिक,पदों को सुशोभित किया है राजनैतिक रूप मे रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रहते हुए 1964 में ऊ.प्र.असेंबली में 13 विधायक चुनकर भेजे थे ।बाद में कांग्रेस विधान परिषद के सदस्य हुए।भारत सरकार के राजनैतिक प्रतिनिधि के रूप में अनेकों विदेशों की यात्राएं की।आपने अपना सारा जीवन दलितों ,पिछड़ों,के उत्थान के लिए समर्पित किया।यदि हम उन्हें ऊ. प्र.कामिनी आंबेडकर कहे तो शायद गलत नही होगा ऐसा मेरा व्यक्तिगत विचार है।एक बार पुनः आप सबका हार्दिक अभिनन्दन और आभार करता हु।
त्रिशूल डमरू ,जय आदि महादेव ,जय बड़ा देव, जय महर्षि कश्यप ,जय निषाद राज का नारा हमारे बीच कायम रहेगा।सतीश कुमार कश्यप अध्यक्ष मूलवासी कश्यप निषाद गोंड जन उत्थान समिति रजिस्टर्ड उ.प्र.
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