पावन मानव का शरीर ही शिवमय परम प्रसाद है:राम सिंह “राम” कश्यप की कलम से
जिसमे हर्ष विषाद नहीं है,,उसका नाम निषाद है।पावन मानव का शरीर ही,शिवमय परम प्रसाद है। देव, दनुज, मानव, दानव,ऋषि कश्यप की है संतानें,दिति, अदिति दो भेद भाव से,इनका जन्म हुआ जाने।अविनाशी चैतन्य आत्मा,जीवन की बुनियाद है,पावन मानव का शरीर ही,शिवमय परम प्रसाद है। ऋषि कश्यप के अदिति तेज से ही ,बारह आदित्य प्रकट हुए,दिति के […]
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