कश्यप सन्देश

10 September 2025

ट्रेंडिंग

संघर्ष से मिली जीत: समाजसेवी एवं उद्योगपति वेदप्रकाश कश्यप की प्रेरक गाथा

पीलीभीत। जीवन में संघर्ष ही सफलता की असली कुंजी है। इस बात को अपने कर्म और समर्पण से साकार किया है वरिष्ठ समाजसेवी एवं उद्योगपति वेदप्रकाश कश्यप ने। बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गाँव महमूदपुर में साधारण परिवार में जन्मे वेदप्रकाश कश्यप आज रियल एस्टेट जगत में एक स्थापित नाम बन चुके हैं।

साधारण से असाधारण तक का सफर

5 जुलाई 1973 को जन्मे वेदप्रकाश कश्यप, स्व. पदम सिंह कश्यप के सबसे छोटे पुत्र हैं। पिता मजदूरी कर परिवार चलाते थे, लेकिन उन्होंने बच्चों को ईमानदारी और मेहनत का मूल्य सिखाया। चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे वेदप्रकाश ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद पराम्रातक तक शिक्षा पूरी की और इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त हुए।

21 वर्षों तक पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से समाज की सेवा की। लेकिन जीवन में एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब उन्होंने पुलिस सेवा से अवकाश लेकर व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाया।

मधुरवाणी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना

पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने के उद्देश्य से उन्होंने “मधुरवाणी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड” की स्थापना की। आज यह कंपनी असंख्य लोगों को आवासीय और व्यावसायिक अवसर उपलब्ध करा रही है। मेहनत और लगन से उन्होंने इस कंपनी को उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनियों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा है।

सम्मान और उपलब्धियाँ

वेदप्रकाश कश्यप की कंपनी को ISO प्रमाणन, इंडिया 5000 बेस्ट MSME अवार्ड और पीलीभीत रत्न सम्मान मिल चुका है। साथ ही, वे “बड़ा बिज़नेस” के संस्थापक डॉ. विवेक बिंद्रा को अपना बिज़नेस गुरु मानते हैं। उनके मार्गदर्शन में कंपनी को IPO तक ले जाने का संकल्प उन्होंने लिया है।

परिवार और सामाजिक दृष्टिकोण

वेदप्रकाश कश्यप की धर्मपत्नी श्रीमती रश्मि कश्यप गृहिणी हैं। उनके पुत्र वैभव कश्यप बीबीए की शिक्षा पूरी कर अब कंपनी के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। वहीं, उनकी सुपुत्री सुगंध कश्यप फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर रही हैं और अपनी रचनात्मक सोच से परिवार की पहचान को और मजबूत बना रही हैं।

सफलता का संदेश

वेदप्रकाश कश्यप मानते हैं कि—
“सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। बड़े सपने देखने चाहिए और उन्हें साकार करने के लिए पूरी निष्ठा और मनोबल से कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कठिन परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी हों, दृढ़ संकल्प और सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति अपनी मंज़िल जरूर पाता है।”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top