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31 October 2025

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जागरूकता ही बचाव : वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर आईएमए कानपुर की प्रेस वार्ता

कानपुर, 29 अक्टूबर 2025।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कानपुर शाखा द्वारा “वर्ल्ड स्ट्रोक डे” के अवसर पर आज परेड स्थित टेंपल ऑफ सर्विस, आईएमए भवन के सेमिनार हॉल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएमए कानपुर अध्यक्ष डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने की। इस अवसर पर सचिव डॉ. शालिनी मोहन, वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुणाल सहाय, स्ट्रोक यूनिट इंचार्ज डॉ. निखिल साहू तथा वैज्ञानिक सचिव डॉ. दीपक श्रीवास्तव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

स्ट्रोक : तेजी से बढ़ती वैश्विक चुनौती

डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने बताया कि विश्वभर में हर वर्ष लगभग 1.2 करोड़ लोग स्ट्रोक की चपेट में आते हैं। 25 वर्ष से अधिक आयु वाला हर चौथा व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी स्ट्रोक का शिकार हो सकता है।
चिंताजनक बात यह है कि 15–49 वर्ष आयु वर्ग में भी 15% मरीज पाए जा रहे हैं।

वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नवनीत कुमार ने कहा कि स्ट्रोक मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा—

“स्ट्रोक के शुरुआती 4 घंटे 30 मिनट में दिया जाने वाला TPA इंजेक्शन जीवनरक्षक सिद्ध होता है। इसलिए शुरुआती लक्षण पहचानना और तुरंत अस्पताल पहुँचना बेहद जरूरी है।”

देश में 1 करोड़ से अधिक लोग स्ट्रोक से प्रभावित हैं और हर वर्ष लगभग 12 लाख नए मरीज सामने आते हैं, जिनमें समय पर इलाज न मिलने से मृत्यु या स्थायी विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है।

स्ट्रोक के प्रकार

डॉ. कुणाल सहाय ने स्ट्रोक के दो मुख्य प्रकार बताए—
1️⃣ इस्केमिक स्ट्रोक (80%) — मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुकने से
2️⃣ हेमरेजिक स्ट्रोक (20%) — मस्तिष्क की रक्त वाहिका फटने से

मुख्य जोखिम कारक :
हाई बीपी, डायबिटीज, हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा, व्यायाम की कमी, पारिवारिक इतिहास आदि।

BEFAST : स्ट्रोक पहचान का आसान फॉर्मूला

डॉ. शालिनी मोहन ने बताया कि अचानक दृष्टि कम होना भी स्ट्रोक का मुख्य संकेत है। उन्होंने BEFAST के माध्यम से लक्षण याद रखने की अपील की—

अक्षर अर्थ चेतावनी संकेत

B Balance अचानक चलने/संतुलन में कठिनाई
E Eye अचानक दृष्टि धुंधली/कम होना
F Face चेहरे का टेढ़ा होना
A Arm हाथ-पैर में कमजोरी
S Speech बोली बिगड़ना
T Time समय बर्बाद न करें
— तुरंत अस्पताल पहुँचें

सावधानी ही उपचार

डॉ. निखिल साहू ने कहा कि—
✅ लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल ले जाएँ
✅ बीपी व शुगर नियंत्रण में रखें
✅ नियमित व्यायाम एवं संतुलित आहार अपनाएँ
✅ वजन नियंत्रित रखें — BMI 25 से कम एवं कमर 100 सेमी/40 इंच से कम
कार्यक्रम में चिकित्सकों के साथ बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
आईएमए कानपुर ने अपील की—

“स्ट्रोक के लक्षणों को हल्के में न लें — समय ही जीवन है।”

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