यतेन्द्र मेहरा, ब्यूरो, मेरठ मंडल, कश्यप संदेश
मैनपुरी तहसील के गाँव लालपुर साथनी, पोस्ट ओडानी मुंडेल, थाना दन्नाहार में हरिओम कश्यप अपनी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा किए जाने के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। दबंगों के खिलाफ मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद, उन्हें कानून का कोई भय नहीं था। हरिओम कश्यप ने प्रशासनिक अधिकारियों के पास लगातार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी।
अपनी जमीन को दबंगों से मुक्त कराने में असफल होने पर, हरिओम कश्यप ने गांधीजी के अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग का अनुसरण करते हुए भूख हड़ताल शुरू की। उनका उद्देश्य था कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज़ अधिकारियों तक पहुंचाई जाए ताकि उन्हें न्याय मिल सके। हरिओम की भूख हड़ताल से प्रशासन हरकत में आया और उनकी स्थिति को देखते हुए उपजिलाधिकारी अनुज ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी जमीन को दबंगों से मुक्त कराया जाएगा और उनकी सुरक्षा की भी पूर्ण व्यवस्था की जाएगी।
इस आश्वासन के बाद, हरिओम कश्यप ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की। स्थानीय लोगों ने इस आश्वासन पर संतोष जताया और उम्मीद की कि प्रशासन जल्द ही जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के लिए उचित कदम उठाएगा। हरिओम की भूख हड़ताल ने क्षेत्र में प्रशासन की जिम्मेदारी और दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर किया है।
हरिओम के सत्याग्रह से एक बार फिर यह साबित हुआ कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर भी अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।