कश्यप सन्देश

6 December 2024

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आदिवासी: सभ्यता के आदि निवासी :बाबू बलदेव सिंह गोंड की कलम से

मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं- नारायण साहनी

वाराणसी। सत्यमेव जयते।दूर दृष्टि कड़ी मेहनत और लगन से कार्य करने वाले लोगों को जीवन में वास्तविक आनंद और मंजिल मिलता है। उक्त कथन युवा उद्यमी एवं समाज सेवी नारायण साहनी का है।इनका कहना है कि ईमानदारी पूर्वक कड़ी मेहनत कर धनार्जन करने वाले बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना और उसका समाधान कुशलतापूर्वक करने में सक्षम होते हैं। श्री साहनी ने देशवासियों को संदेश देते हुए कहा कि प्रकृति ने मनुष्य को बेहतर से बेहतर जिंदगी जीने के लिए बहुत कुछ संशाधन प्रदान किया है।जो जिस तरह से उपयोग करता है वैसा बन जाता है। श्री साहनी ने कहा कि मनुष्य -मनुष्य के बीच जर- जोरू- जमीन धन -दौलत को लेकर मार- काट,लूट -पाट हिंसा कर हर रिश्ते को तार -तार किया जा रहा है।जिसका परिणाम समाज में भयंकर रूप धारण करता जा रहा है। जिसके कारण हमारे भावी पीढ़ी को प्रभावित कर रहा है। श्री साहनी का कहना है कि सही अर्थों में जीवन को मानवता धर्म में जीवनशैली को बदलने की जरूरत है। इस लिए मानव -मानव के बीच से नफ़रत, द्वेष,ईष्र्या,जलन झूठ,कपट ,जाति -पाति, ऊंच -नीच छोटा -बड़ा भेदभाव आदि संकीर्ण मानसिकता को त्याग कर सच्चे मन से जिंदगी का आनंद उठाते हुए प्रभु के प्यारे हो जाएं।
संतोष कुमार नागर की कलम से

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