डॉ.अश्वनी कश्यप (आशू) की कलम से —रोहतक
संघर्षों का मोल मित्रवर व्यर्थ कभी नहीं जाएगा!
बेसक होगा लेट किंतु परिणाम एक दिन आएगा!
हीरा ज़ितना घिसता है कीमत भी उतनी बढ़ती है!
कठिन परिश्रम की कीमत आशू एक दिन मिलती है!
सकारात्मक मन से जो स्वकर्म को करता जाएगा!
बेसक होगा लेट किंतु परिणाम एक दिन आएगा!
चीटी जब दाना ले जाती कई बार पैर फिसलते हैं!
दृढ़ संकल्प लिया होता है परिणाम सही निकलते हैं!
हार गया जो हिम्मत फिर वो आंगे न बढ़ पाएगा!
बेसक होगा लेट किंतु परिणाम एक दिन आएगा!
आलस छोड़ के कछुआ ने चाल नहीं रुकने दी थी!
रस्ता ऊबड़ खाबड़ था पर हिम्मत नहीं हारनी थी!
शिक्षा लो तुम कछुआ से यह आगे तुम्हें बढ़ाएगा!
बेशक होगा लेट किन्तु परिणाम एक दिन आएगा!