
छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक नगर बिलासपुर का नाम जिस महान महिला के नाम पर पड़ा, वह हैं बिलासा देवी – निषाद समाज की वीरांगना और सांस्कृतिक ध्वजवाहिका।
बिलासा देवी का जन्म एक साधारण निषाद (मछुआरा) परिवार में हुआ था, लेकिन उनके व्यक्तित्व में अद्वितीय साहस और नेतृत्व क्षमता थी। उस समय निशाद समाज सामाजिक अन्याय और शोषण का शिकार था। ऐसे कठिन समय में बिलासा देवी ने अपने समुदाय को संगठित किया और उन्हें जल, वन और भूमि के अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी।
कहा जाता है कि बिलासा देवी न केवल सामाजिक सुधारक थीं, बल्कि एक साहसी योद्धा भी थीं। उन्होंने अपने समुदाय को एकजुट कर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। कई बार उन्होंने बाहरी आक्रमणकारियों से अपने क्षेत्र की रक्षा की और अपनी रणनीति और वीरता से दुश्मनों को परास्त किया।
बिलासा देवी के अदम्य साहस और नेतृत्व की छाप इतनी गहरी थी कि उनके सम्मान में इस नगर का नाम बिलासपुर रखा गया। आज भी उनकी स्मृति इस भूमि पर जीवित है और निशाद समाज के लिए गर्व का प्रतीक बनी हुई है।