कश्यप सन्देश

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10 September 2024

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आगरा में एटौरा देवी मेले का आयोजन 11 और 12 सितंबर को, निषाद कश्यप समाज के लिए गौरवशाली परंपरा
मल्लाह जाति: अपराधी जनजातियों का कलंक और पहचान की तलाश: मनोज कुमार मछवारा की कलम से
राष्ट्रीय सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन मेंआदिवासी कश्यप कहार निषाद समुदाय की एकजुटता पर जोर
समतामूलक और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र की परिकल्पना: सर्वेश कुमार "फिशर" की कलम से
राजनीति का परिदृश्य: राम सिंह "राम" कश्यप की कलम से

गीतों और गजलों से सजी‌‌‌‌ काव्य-संध्या

कानपुर 1 जुलाई 21 , रिसर्च फाउंडेशन, एच ब्लॉक, किदवई नगर के कार्यालय मे आयोजित काव्य-संध्या की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि शिव कुमार सिंह “कुंवर” ने तथा संचालन अरुण तिवारी ‘गोपाल ” ने किया. सरस्वती वंदना से‌ प्रारंभ हुई काव्य-संध्या मे कवि डां. प्रदीप त्रिपाठी ने अपनी रचना ” कभी- कभी सबके मन द्वारे, सबद कबीरा गाए, कुछ सुनते, कुछ गुनते, कुछ को रत्ती भर न पाए” प्रस्तुत कर वाह-वाही लूटी. ‌कवि अक्षत व्योम ने अपनी रचना ” जो पढ़ कर भी न जान सखे, वो कितने अंजान सखे” प्रस्तुत की. ‌ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी रचना ” मंदिर-मंदिर जाकर पूजे प्रतिमाएं वो सारी, कृपा बनाए रखना घर मे हे भोला भंडारी” प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं. ‌ कार्यक्रम मे रवि शर्मा, महेंद्र ” मधुकर’, मधु श्रीवास्तव, नूपुर राही, प्रतिमा दीक्षित, अजय “शादाब”, राजीव मिश्र, लुल्ल कानपुरी, मुरली परिहार, अजीब कटियार, मनीष रंजन, राजा हसन आदि रचनाकारों ने काव्य-पाठ किया. ‌आगंतुकों के प्रति राजीव मिश्र ने आभार प्रस्तुत किया.

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