कश्यप सन्देश

5 December 2024

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आदिवासी: सभ्यता के आदि निवासी :बाबू बलदेव सिंह गोंड की कलम से

सेवा जोहार, पाखंड से नाता तोड़ शिक्षित बनें संगठित हो अपने अधिकारों को छीने

डा.शिवमुनि गौड़ जनपद मऊ की कलम से

मऊ कश्यप सन्देश एक वर्ग जो कहता कि सब कुछ भगवान के हाथ मे है,इसलिए जो मांगना है भगवान से मांगों.
पर वह वर्ग खुद कभी भगवान से नही मांगता,वह हमेशा इंसान से ही मांगता है.
इसका मतलब है कि जिसे खुद भगवान पर भरोसा नही है वह सबको भगवान के भरोसे रहने को कहता है.
इससे भी बड़ी बात यह है कि जो संविधान का विरोध करता है वही संविधान को पढ कर जज बन जाता है.
वह व्यक्ति सबसे पत्थर पर जल डलवाता है और जल डालनेवाले के दान मे दिए धन को लोटे मे भर कर घर लाता है.
सबको सत्य और इमानदारी का पाठ पढांता है और खुद भ्रष्टाचार मे डूबा रहता है.
मतलब वह हमे धर्म के नाम पर केवल मुर्ख बनाता है.
इस लिए पाखंड से नाता तोड़ो,
समाज को शिक्षित करो और संगठित होकर अपने अधिकारों को प्राप्त करो.
जोहार एक अवधी शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ अभिवादन,स्वागत और नमस्कार होता है जो आदिवासी जनजातीय समुदाय के लोगों में बोल चाल की भाषा में अधिक प्रयोग किया जाता है जैसे जय जोहार का तात्पर्य है सबका कल्याण करने वाली प्रकृति की जय हो।

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