बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एवं हमारा समाज
कश्यप संदेश समाचार। वाराणसी से एक महत्वपूर्ण विचार श्री रामवृक्ष जी की कलम से
यह दुख भरी विडंबना है कि
बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्व के छठवें विद्वान एवं भारत के संविधान निर्माता, कानून विद मेहर जाति के थे जो हमारे समाज में आते हैं इनका जन्म महाराष्ट्र प्रांत में हुआ था। महाराष्ट्र तथा उड़ीसा में आज भी हमारे जाति के लोग महार /महरा लिखते हैं ।हमारे समाज के लोग इस बात से अनभिज्ञ थे इसलिए इनको अनुसूचित जाति के लोगों ने बाबा साहब को दलितों का मसीहा मानकर अपना लिया।
इसी प्रकार महर्षि वाल्मीकि जी इसी कुल वंश में जन्म लिया थे जिनको जमादार मेंहतर समाज के लोगों ने इन्हें अपना पूर्वज मानकरसंगठन बनाकर संगठित हो रहे हैं और अपने नाम के आगे सहर्ष बाल्मिकी लिखकर वाल्मीकि समाज से जाने जाते हैं
महर्षि कश्यप जी हमारे समाज के हैं उनके पुत्र हैं वरुण/ जल देवता इनको सिंधी समाज ने अपना लिया और झूले लालजी के नाम से इनकी पूजा करते हैं आगे की कड़ी में रामवृक्ष जी लिखते हैं कि मित्रों साथियों आपको कश्यप संदेश समाचार पत्र के माध्यम से बता देना चाहता हूं बिजली हमेशा ट्रांसफार्मर से मिलती है तभी बल्ब पूर्ण से रोशनी दे पाता है तो क्या ट्रांसफार्मर के बिना बिजली पूर्ण रूप से बल्ब को मिल पाएगी नहीं। यदि सम्मान के साथ जीना है तो हम लोगों के सम्मान का प्रतीक कश्यप लिखकर संगठित होकर समाज के सभी लोगों को जागरुककरने की दिशा में काम करना है लेकिन आज भी लोग अपनी जात छुपा कर वर्मा गुप्ता राजपूत चौधरी लिखकर खुद ही गुमराह हैं,यह स्थिति कतई ठीक नहीं है ।बरहाल कश्यप समाज में क्रांति का संचार हो रहा है और सरकार को भी एहसास हो रहा है कि यह वही लोग हैं जो पानी भरने का कार्य (उच्च श्रेणी के यहां)पालकी उठाने वाले सिंघाड़ा उगाने वाले मछली पालन, नव का संचालन का काम करने वाले ही कश्यप लिख रहे हैं आगे श्री वरिष्ठ समाजसेवी रामवृक्ष जी ने समाज के अग्रणी सभी सजातीय बंधुओ से आग्रह किया विशेष कर अग्रणी बन्धुओं को तन मन औरअपने महत्व पुर्ण विचारों सुझाव देकर सहयोग करें
धन्यवाद
लेखक के निजी विचार
वरिष्ठ समाजसेवी श्री रामवृक्ष मानसरोवर वाराणसी उत्तर प्रदेश