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77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान, भारत ने नॉर्वे, यूनिसेफ, यूएनएफपीए और पीएमएनसीएच के सहयोग से महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य पर एक साइड इवेंट आयोजित किया। इस आयोजन का उद्देश्य उभरते साक्ष्यों और खोजों को साझा करना था, जिससे मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य और कल्याण में निवेश के लिए संवाद को प्रोत्साहन मिले। यह निरंतर और बढ़ते निवेश की वकालत करते हुए, विभिन्न हितधारकों और क्षेत्रों में नीतिगत समायोजन और उनके प्रभावों पर जोर देता है, जबकि विभिन्न जनसंख्या समूहों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देता है।
इस आयोजन का मुख्य फोकस किशोर स्वास्थ्य पर था, और विभिन्न वक्ताओं ने इस मुद्दे पर अधिक निवेश की आवश्यकता पर बात की। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख श्री अपूर्व चंद्रा ने इस विषय पर की गई प्रगति और इस संबंध में उठाए गए पहल की जानकारी दी।
उन्होंने महिलाओं, बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सक्रिय कदम उठाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने भारत की प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (RCH) – I, RCH – II पहल और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (Rashtriya Kishor Swasthya Karyakram) को उजागर किया, जो किशोर स्वास्थ्य पर जोर देता है। टेलीमैनस की शुरुआत को भी भारत द्वारा उठाए गए एक प्रमुख पहल के रूप में उल्लेख किया गया।
भारत ने किशोर दर्शक समूह को संप्रेषण करने के लिए सही संचार रणनीतियों का उपयोग करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। किसी भी कार्यक्रम की योजना और कार्यान्वयन के लिए युवाओं के समूह के प्रतिनिधियों की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती हेकेली झिमोमी, अतिरिक्त सचिव और प्रबंध निदेशक (NHM) श्रीमती अराधना पटनायक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।