नव वर्ष की नव शुभकामनाएं
हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।
नवोदय अरुण की नवल रश्मियां हैं,
नए फूल हैं और नई पत्तियां हैं।
नयी चल रही हैं बसंती हवाएं,
हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।
धरती ने फसलों का खोला है ख़ज़ाना,
बुलबुल है गाती, नए ही तराने।
नवेली दुल्हन सी सजी हैं दिशाएं,
हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।
जहां प्रेम-सचाई हो सबकी दौलत,
जहां एकता ही बने सबकी ताक़त।
मिलकर एक नया भारत बनाएं,
हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।
चाहे मंदिर हो, मस्जिद हो या गिरिजाघर,
या गुरुद्वारे के पावन संदेश भर।
“राम” बन जहाँ से बुराई मिटाएं,
हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।
नई उम्मीदें, नई रौशनी संग लाएं,
सुखद भविष्य की तस्वीर बनाएं।
नव सवेरा हर दिल में खिलाएं,
हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।