


कानपुर।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के भौतिक रसायन अनुभाग में “कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के प्रति जागरूकता” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 5 मार्च, 2025 को किया गया।
कार्यशाला में संस्थान में कार्यरत महिला कर्मियों एवं अध्ययनरत छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ संस्थान की जैव रसायन अनुभाग प्रमुख डॉ. अनंतलक्ष्मी रंगराजन ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं की कार्यस्थलों पर समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए POSH अधिनियम, 2013 लागू किया गया है। इस अधिनियम के माध्यम से महिलाओं की गरिमा, निजता एवं अधिकारों का संरक्षण किया जा रहा है।
संस्थान की सुश्री रश्मि यादव ने POSH अधिनियम, 2013 की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि यह अधिनियम कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध एवं निवारण के लिए प्रभावी कदम है।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने निर्भया कांड और एसिड अटैक जैसे ज्वलंत मुद्दों पर आधारित एक लघु नाटिका प्रस्तुत की, जिसने उपस्थित सभी लोगों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया।
डॉ. दिव्या पटेल (यंग प्रोफेशनल) ने महिला सशक्तिकरण एवं सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में महिलाओं के लिए क्रॉसवर्ड गेम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहीं संस्थान की निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने कहा कि समाज की उन्नति के लिए स्त्री-पुरुष समान भागीदार हैं। सशक्त महिला का अर्थ केवल शारीरिक शक्ति नहीं, बल्कि बौद्धिक और आत्मनिर्भरता से है। उन्होंने महिलाओं से अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए।
संस्थान की सहायक निदेशक श्रीमती मल्लिका द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि 21वीं सदी की नारी अब बेचारी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर है और हर क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में आ रही हैं।