
पीड़िता ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार, पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप
कानपुर देहात, सिकंदरा।
ग्राम महमूदपुर बुजुर्ग में दबंगई के बल पर महिला की भूमिधरी जमीन पर अवैध कब्जे का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता शशि खरे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जानमाल की सुरक्षा और जमीन कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
पीड़िता का आरोप है कि ग्राम महमूदपुर बुजुर्ग स्थित गाटा संख्या 364, रकबा 0.933 हेक्टेयर में से 0.437 हेक्टेयर जमीन की वह वैध मालिक और काबिज हैं। इस भूमि को उन्होंने वर्षों पहले मोहर सिंह पुत्र चित्तर सिंह और मुलायम सिंह पुत्र मोहर सिंह को बटाई पर खेती हेतु दिया था। उस दौरान आरोपियों ने खेत में फसल की देखरेख के लिए अस्थाई छप्पर डाला था।
लेकिन समय बीतने के साथ बटाईदारों की नीयत में खोट आ गई और उन्होंने भूमि हड़पने की साजिश शुरू कर दी। स्थिति भांपकर पीड़िता ने बटाई देना बंद कर किसी अन्य को खेत देना शुरू कर दिया। इसी खुन्नस में दबंगों ने छप्पर हटाने के बजाय झोपड़ी बनाकर जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश शुरू कर दी।
पीड़िता के पति श्री कृष्ण चंद्र खरे ने 28 जून 2025 को थाना दिवस पर थाना सिकंदरा में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर जांच भी हुई। पहले तो आरोपियों ने झोपड़ी हटाने की सहमति दी, लेकिन 18 जुलाई को जब शशि खरे स्वयं मौके पर पहुंचीं, तो आरोपियों ने न केवल गाली-गलौज की बल्कि सूरजपाल पुत्र चित्तर सिंह ने जान से मारने की धमकी भी दी। डर के मारे पीड़िता को मौके से भागकर जान बचानी पड़ी।
पीड़िता ने आशंका जताई है कि यदि वह न भागती, तो गंभीर हादसा हो सकता था। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पति की उम्र 76 वर्ष है और वह अकेले खेत देखने जाते हैं, जिससे उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है।
पीड़िता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उनकी भूमि को कब्जामुक्त कराया जाए, आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।
ग्रामीणों में दहशत, पुलिस पर उठे सवाल
घटना से गांव में भय का माहौल व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता से दबंगों के हौसले बुलंद हैं। पीड़िता ने थाना सिकंदरा में शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण अब उन्होंने मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद लगाई है।